Third year Public Finance 20 prashn For all universities of Madhya Pradesh
20 prashn details :- 👇
नवीनतम पाठ्यक्रम
इकाई-एक
सार्वजनिक वित्त - ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, अर्थ प्रकृति क्षेत्र एवं महत्त्व, सार्वजनिक वित्त की आर्थिक विकास में भूमिका, निजी एवं सार्वजनिक वित्त में अंतर, निजी एवं सार्वजनिक वस्तुएं, अधिकतम सामाजिक लाभदायकता का सिद्धान्त, बाजार विफलता एवं शासन की भूमिका।
इकाई-दो
सार्वजनिक राजस्व - राजस्व के मुख्य स्रोत, कर, ऋण, अनुदान एवं सहायता का अर्थ एवं प्रकार, भारतीय कर ढाँचे की विशेषताएं, भारत में करसुधार, कराधान के सिद्धान्त, कराधान में न्याय की घटना, करदेय क्षमता, कराधान का प्रभाव एवं कर चोरी।
इकाई-तीन
इकाई-चार
सार्वजनिक बजट - सार्वजनिक बजट के प्रकार, बजट का आर्थिक एवं क्रियात्मक वर्गीकरण, आर्थिक नीति के प्रमुख उपकरण के रूप में बजट, सार्वजनिक ऋण की आवश्यकता, सार्वजनिक ऋण के स्त्रोत एवं ऋणों का भुगतान, मुद्रा पूर्ति, आर्थिक वृद्धि एवं आर्थिक स्थिरता में लोक ऋण का प्रभाव।
इकाई-पाँच
भारत में लोक वित्त पद्धति - संघीय ढाँचे में मुख्य वित्तीय मुद्दे, केन्द्र एवं राज्य के मध्य वित्तीय स्रोतों के प्रभावी वर्गीकरण के सिद्धान्त, वित्तीय असंतुलन की मुख्य समस्याएं एवं इनके समायोजन के उपाय, स्थानीय निकाय एवं उनके वित्तीय दायित्व, स्थानीय वित्त के स्त्रोत।
इकाई-छह
मौद्रिक नीति - अर्थ, उद्देश्य एवं महत्त्व, भारत में उदारीकरण के पूर्व एवं पश्चात् की मौद्रिक नीतियाँ, राजकोषीय नीति अर्थ, उद्देश्य एवं अवयव, भारत की राजकोषीय नीति की कमियाँ, राजकोषीय नीतियों की कमियाँ दूर करने के उपाय।
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