B.com 1st year business regulatory framework |
DESCRIPTION
प्रस्तुत व्यावसायिक नियमन रूपरेखा Business Regulatory Framework पुस्तक मध्य प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के स्नातक स्तर पर वार्षिक पद्धति के बी. काॅम. (प्रथम वर्ष) हेतु नए पाठ्यक्रमानुसार तैयार की गई है।
* पुस्तक को इस नए कलेवर में पहले संस्करणों की अपेक्षा अधिक प्रभावशाली एवं उपयोगी बनाने का प्रयास किया गया है।
* प्रस्तुत संशोधित संस्करण में विषय-सामग्री को सीमित करते हुए ‘गागर में सागर’ भरने का प्रयास किया गया है। इसी दृष्टि से विविध प्रकार के प्रश्नों को हटाकर नए पाठ्यक्रम एवं परीक्षा प्रश्नों पर ही ध्यान केन्द्रित किया गया है। भाषा को अधिक सरल व रोचक बनाने की भी कोशिश की गई है।
संशोधित संस्करण की कतिपय महत्वपूर्ण विशेषताएं इस प्रकार हैं:
* सभी अधिनियमों के नवीनतम् संशोधनों को यथास्थान सम्मिलित किया गया है।
* पुस्तक के इस नए संस्करण की अद्वितीय विशेषता यह है किअगस्त 2019 में पारित उपभोक्ता सरंक्षण अधिनियम 2019, को पुस्तक में सम्मिलित किया गया है।
* पुस्तक की अद्वितीय विशेषता यह है कि भारत सरकार द्वारा वर्ष 2002 में एमआरटीपी एक्ट को समाप्त करके उसके स्थान पर प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 लागू किया गया है, जिसे इस पुस्तक में सम्मिलित किया गया है।
* विषय को और अधिक प्रभावशाली व समझने योग्य बनाने के लिए पुस्तक में उच्च न्यायालयों तथा सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों का भी समावेश किया गया है।
* भाषा तथा शैली में परिवर्तन करके विषय को सरल एवं और अधिक बोधगम्य बनाया गया है।
* पुस्तक में नवीन परीक्षा प्रणाली के अनुरूप दीर्घ उत्तरीय, लघु उत्तरीय एवं वस्तुनिष्ठ प्रश्नों (Objective Questions) का समावेश किया गया है।
व्यावसायिक नियमन रूपरेखा Business Regulatory Framework Syllabus For B.Com I Year of Awadhesh Pratap Singh University Rewa (APSU), Barkatullah University Bhopal, Rani Durgavati Vishwavidyalaya Jabalpur (RDVV), Vikram University Ujjain, Dr. Harisingh Gour University Sagar (DHGU), MP all University's
इकाई – I भारतीय अनुबन्ध अधिनियम, 1872-परिभाषाएँ, अनुबंध की प्रकृति, प्रस्ताव एवं स्वीकृति, पक्षकारों में अनुबंध करने की क्षमता, स्वतंत्र सहमति एवं प्रतिफल, स्पष्ट रूप से व्यर्थ घोषित ठहराव, अनुबंधों का निष्पादन।
इकाई – II अनुबंध भंग, अनुबंध भंग के उपचार, हानिरक्षा एवं प्रतिभूति अनुबंध। विशेष अनुबंध-निक्षेप, गिरवी एवं एजेन्सी।
इकाई – III विनिमय साध्य विलेख अधिनियम, 1881-परिभाषाएं, विशेषताएं, प्रतिज्ञा पत्र, विनिमय
विपत्र तथा धनादेश। धारक एवं यथाविधि धारक, चेक का रेखांकन, रेखांकन के प्रकार, विनिमय विपत्र का अनादरण एवं निष्पादन।
इकाई – IV उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986-प्रमुख प्रावधान, उपभोक्ता विवाद, उपभोक्ता विवाद प्रतिशोषण संस्थाएं। एकाधिकार एवं प्रतिबन्धात्मक व्यापार व्यवहार अधिनियम-अर्थ, क्षेत्र, महत्व एवं मुख्य प्रावधान।
इकाई – V विदेशी विनिमय प्रबंध अधिनियम, 2000 (फेमा)-उद्देश्य एवं प्रमुख प्रावधान, बौद्धिक सम्पदा अधिकार अधिनियम का परिचय – काॅपीराईट, पेटेन्ट एवं ट्रेडमार्क।
व्यावसायिक सन्नियम Business Law Book Contents
1. भारतीय अनुबन्ध अधिनियम, 1872 (परिभाषाएं एवं अनुबन्ध की प्रकृति)
2. वैध अनुबन्ध के आवश्यक लक्षण
3. ठहराव
4. प्रस्ताव तथा स्वीकृति
5. प्रतिफल
6. पक्षकारों में अनुबन्ध करने की क्षमता
7. पक्षकारों की स्वतन्त्र सहमति
8. स्पष्ट रूप से व्यर्थ घोषित ठहराव
9. संयोगिक अनुबन्ध
10. अनुबन्धों का निष्पादन
11. गर्भित अथवा अर्द्ध-अनुबन्ध
12. अनुबन्ध-भंग के परिणाम के उपचार
13. क्षतिपूर्ति तथा प्रतिभूति के अनुबन्ध
14. निक्षेप सम्बन्धी अनुबन्ध
15. गिरवी के अनुबन्ध
16. एजेन्सी अथवा अभिकरण के अनुबन्ध
17. विनिमयसाध्य लेखपत्र अधिनियम, 1881
18. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019
19. विदेशी विनिमय प्रबन्ध अधिनियम, 2000
20. भारतीय साझेदारी अधिनियम, 1932
21. सिमित दायित्व साझेदारी अधिनियम, 2008
. सिमित दायित्व साझेदारी समझौता और सिमित दायित्व साझेदारी का निगमन
. साझेदार और उनके सम्बन्ध
. सिमित दायित्व साझेदारी का समापन एवं विघटन
ADDITIONAL INFORMATION
ISBN
978-93-5173-274-7
BOOK AUTHOR
Dr. S.M. Shukla & Prof. V.P. Agarwal
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